एक मिनिट रुको,
बाबू
देखो
कैसे उड़-उड़के
आ बैठा है
मेरे तसव्वुर के दरीचे पे
ये अनोखे ख़याल का रंगीन परिंदा
देख
कैसे बैठा है
बेताब सा
एक मिनिट रूको
मुझे
जल्दी से
click करने दो
अल्फाज़ों की इक तस्वीर
इसकी
एक नज़्म लिखने दो
वरना
किसी नये लम्हे
की आहट से
चौंकके
ये ख़याल
उड़ जाएगा
बाबू
देखो
कैसे उड़-उड़के
आ बैठा है
मेरे तसव्वुर के दरीचे पे
ये अनोखे ख़याल का रंगीन परिंदा
देख
कैसे बैठा है
बेताब सा
एक मिनिट रूको
मुझे
जल्दी से
click करने दो
अल्फाज़ों की इक तस्वीर
इसकी
एक नज़्म लिखने दो
वरना
किसी नये लम्हे
की आहट से
चौंकके
ये ख़याल
उड़ जाएगा
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